India’s One Of Best Tourist Place – Goa History In Hindi ( गोवा इतिहास एवम् परिचय )
India’s One Of Best Tourist Place – Goa History ( गोवा इतिहास एवम् परिचय )
केरल के एकदम पश्चिम दिशा में समुद्र में स्थित यह द्वीप लक्षद्वीप पुकारा जाता है। जिसकी राजधानी कवरती है। यहां की जनसंख्या 2001 13,43,998 है। क्षेत्रफल 37,02 वर्ग किलोमीटर तािा जनसंख्या घनत्व 363 वर्ग किलोमीटर है।
गोवा में सामान्यतः गुजराती, कोंकणी, मराठी, पुर्तगाली व अंग्रेजी भाषाएं बोली जाती है। यहां जून से अक्टूबर तक मानसून का मौसम रहता है।
गोवा में सामान्यतः गुजराती, कोंकणी, मराठी, पुर्तगाली व अंग्रेजी भाषाएं बोली जाती है। यहां जून से अक्टूबर तक मानसून का मौसम रहता है।
विशिष्टि ऐतिहासिक जानकारी
ईसा पूर्व तीसरी सदी में मौर्य साम्राज्य काल से गोवा का इतिहास ज्ञात होता है। उस सदी में कोंकण क्षेत्र में सातवाहन राजवंश के शासक कृष्ण शातकर्णी का शासन था। गोवा का पुरातन नाम गायक पट्टण अथवा गोम्नत था। गोवा सन् 1471 से बहमनी शासकों के नियंत्रण में था किन्तु 1489 में बीजापुर के शासक आदिलशाह ने इस पर अधिकार कर लिया ।
पुर्तगाल के साहसी शासक अल्बुकर्क ने 25 नवम्बर 1510 में आदिलशाह से गोवा को छीन लिया और उसी दिन सेन्ट कैथरीन को सौंप दिया ।
यहां सतारी के राने लोगों ने सन् 1755 से 1824 तक चैदह बार विद्रोह किया था जिसे पुर्तगालियों ने हर दफा कुचल दिया। 1826 ई में गोवा के निवासी लुईस फ्रांसिस्कों ने प्रथम बार पूर्ण स्वाधीनता का स्वर बुलन्द किया। 18 जून 1946 को आजादी का आंदोलन एक खास दौर में जा पहुंचा। सन् 1954 में यह आंदोलन तब पहली सफलता पा सका, जब दमन के निकट दादरा व नागर हवेली मुक्त करा ली ािी।
मांडवी नदी के किनारे पर उपस्थित शहर पणजी गोवा जी राजधानी है। पणजी में बीजापुर के नवाब का पुराना महल भी है।
एक मोहक और विख्यात पर्यटन केन्द्र डोनापाला बीच भी यहां पर है। गोवा की राजधानी पणजी से केवल 18 किलोमीटर दूर अजुना बीच स्थित हैं अंजुनाबीच चपोरा किले के बहुत निकट है। यहीं निकट ही अपने आकर्षक गुम्बदों के लिये विख्यात अल्बु कर्क महल है। यह सन् 1920 में निर्मित किया गया था।
उतरी गोवा में आरामबोल बीच स्थित है। दक्षिण गोवा का एक बीच बेतुल बीच भी प्रसिद्ध है। इसकी यह ख्याति उसकी लंबाई और दोनों तरफ पसरे पाम वृक्षों के कारण है। मडगांव में बेतुल बीच का फासला 20 किलोमीटर है।
पणजी से 28 किलोमीटर दूर पर पटनेम स्थित है। जहां श्री भगवती मंदिर बना है। यह 500 वर्ष पुराना है। गोवा का सबसे सुंदर श्रीमंगेश मंदिर करीब चार सौ वर्ष प्राचीन है।
बाम जीसस चर्च 16वीं सदी में निर्मित किया गया था। गोवा का सबसे पुराना गिरजाघर चर्च आॅफ अवर लेडी आॅफ रोजरी है। सन् 1590 में पुर्तगाली अलफांसो डि अल्बुकर्क के गोवा आने के समय के विवरण इस गिरजाघर में आज तक सहेजे गये है।
मडगांव सैंतीस किलोमीटर की दूरी पर अगोंडा बीच शांतिप्रिय पर्यटकों के मध्य एक पसंदीदा बीच है। पणजी से मात्र तीन किलोमीटर के फासले पर मीरामार बीच है। इसे गोल्डन बीच नाम से भी पुकारा जाता है।
75 वर्षों में बनकर तैयार हुआ कैथेड्रल चर्च पुराने गोवा में बना है। बामजीसस चर्च के पास स्थित इस चर्च का निर्माण 450 साल पहले किया गया था। यहां स्थित स्वर्ण रंग घंअी गोवा की बड़ी घंटियों में मानी जाती है। इस समेत इस चर्च में पांच सुन्दर घंटियां हैं।
ईसा पूर्व तीसरी सदी में मौर्य साम्राज्य काल से गोवा का इतिहास ज्ञात होता है। उस सदी में कोंकण क्षेत्र में सातवाहन राजवंश के शासक कृष्ण शातकर्णी का शासन था। गोवा का पुरातन नाम गायक पट्टण अथवा गोम्नत था। गोवा सन् 1471 से बहमनी शासकों के नियंत्रण में था किन्तु 1489 में बीजापुर के शासक आदिलशाह ने इस पर अधिकार कर लिया ।
पुर्तगाल के साहसी शासक अल्बुकर्क ने 25 नवम्बर 1510 में आदिलशाह से गोवा को छीन लिया और उसी दिन सेन्ट कैथरीन को सौंप दिया ।
यहां सतारी के राने लोगों ने सन् 1755 से 1824 तक चैदह बार विद्रोह किया था जिसे पुर्तगालियों ने हर दफा कुचल दिया। 1826 ई में गोवा के निवासी लुईस फ्रांसिस्कों ने प्रथम बार पूर्ण स्वाधीनता का स्वर बुलन्द किया। 18 जून 1946 को आजादी का आंदोलन एक खास दौर में जा पहुंचा। सन् 1954 में यह आंदोलन तब पहली सफलता पा सका, जब दमन के निकट दादरा व नागर हवेली मुक्त करा ली ािी।
मांडवी नदी के किनारे पर उपस्थित शहर पणजी गोवा जी राजधानी है। पणजी में बीजापुर के नवाब का पुराना महल भी है।
एक मोहक और विख्यात पर्यटन केन्द्र डोनापाला बीच भी यहां पर है। गोवा की राजधानी पणजी से केवल 18 किलोमीटर दूर अजुना बीच स्थित हैं अंजुनाबीच चपोरा किले के बहुत निकट है। यहीं निकट ही अपने आकर्षक गुम्बदों के लिये विख्यात अल्बु कर्क महल है। यह सन् 1920 में निर्मित किया गया था।
उतरी गोवा में आरामबोल बीच स्थित है। दक्षिण गोवा का एक बीच बेतुल बीच भी प्रसिद्ध है। इसकी यह ख्याति उसकी लंबाई और दोनों तरफ पसरे पाम वृक्षों के कारण है। मडगांव में बेतुल बीच का फासला 20 किलोमीटर है।
पणजी से 28 किलोमीटर दूर पर पटनेम स्थित है। जहां श्री भगवती मंदिर बना है। यह 500 वर्ष पुराना है। गोवा का सबसे सुंदर श्रीमंगेश मंदिर करीब चार सौ वर्ष प्राचीन है।
बाम जीसस चर्च 16वीं सदी में निर्मित किया गया था। गोवा का सबसे पुराना गिरजाघर चर्च आॅफ अवर लेडी आॅफ रोजरी है। सन् 1590 में पुर्तगाली अलफांसो डि अल्बुकर्क के गोवा आने के समय के विवरण इस गिरजाघर में आज तक सहेजे गये है।
मडगांव सैंतीस किलोमीटर की दूरी पर अगोंडा बीच शांतिप्रिय पर्यटकों के मध्य एक पसंदीदा बीच है। पणजी से मात्र तीन किलोमीटर के फासले पर मीरामार बीच है। इसे गोल्डन बीच नाम से भी पुकारा जाता है।
75 वर्षों में बनकर तैयार हुआ कैथेड्रल चर्च पुराने गोवा में बना है। बामजीसस चर्च के पास स्थित इस चर्च का निर्माण 450 साल पहले किया गया था। यहां स्थित स्वर्ण रंग घंअी गोवा की बड़ी घंटियों में मानी जाती है। इस समेत इस चर्च में पांच सुन्दर घंटियां हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल –
वन्य जीव अभ्यारण्य (बोंडला), अगोडा का किला, मेयम झील, केसरवाल प्रताप, दूधसागर प्रताप व गोवा संग्रहालय भी यहां के आकर्षण में शामिल है।
वन्य जीव अभ्यारण्य (बोंडला), अगोडा का किला, मेयम झील, केसरवाल प्रताप, दूधसागर प्रताप व गोवा संग्रहालय भी यहां के आकर्षण में शामिल है।
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